बाली न्यूज़ रिपोर्ट-जवाई बांध का निर्माण जोधपुर के महाराजा उम्मेद सिंह ने 12 मई 1946 को शुरू करवाया था जो 1957 में बनकर तैयार हो गया।
रियासत काल में इस बाँध का निर्माण स्टेट के इंजीनियर एडगर व फर्गुसन की देखरेख में हुआ था। राजस्थान के गठन के पश्चात सन 1946 में यह बाँध मुख्य अभियंता मोती सिंह की देखरेख में पूर्ण हुआ।
वर्तमान में जवाई बाँध जोधपुर और पाली ज़िले का मुख्य पेयजल स्रोत है। इसके अलावा जवाई बाँध को मारवाड़ का अमृत सरोवर या मान सरोवर कहा जाता है।
जवाई बाँध की जल आपूर्ति के लिए उदयपुर की कोटड़ा तहसील में सेई परियोजना बनाई गई।
जवाई बांध राजस्थान में लूनी नदी की एक सहायक नदी जवाई नदी पर बना एक बांध है, जो लगभग 70 साल पुराना है। आपको बता दें कि जवाई बांध राजस्थान के सबसे बड़े बांधों में से एक है। यह डैम अपने आस-पास के शहरों के लिए वन रक्षक के रूप में काम करता है। यह एक असाधारण सुरम्य बांध है जो यहां आने वाले पर्यटकों को अदभुद दृश्य प्रस्तुत करता है। यहां पर पर्यटक कई प्रवासी पक्षियों को देख सकते हैं जो सर्दियों के दौरान दुनिया के बर्फीले हिस्सों से उड़ कर यहां आते हैं। क्रेन और गीज़ जैसे क्षणभंगुर प्राणी भी अक्सर बांध पर दिखाई देते हैं।
इसके अलावा पर्यटन भालू और हाइना को अपनी प्यास बुझाते हुए देख सकते हैं। अगर आप जवाई बांध के इतिहास या फिर इसके आस-पास के पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी चाहते हैं तो हमारे इस लेख को जरुर पढ़ें। यहां हम आपको जवाई डैम जाने और इसके पास स्थित पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहें हैं
प्रवासी पक्षियों के लिए शीतकालीन स्वर्ग होने के अलावा, जोधपुर शहर और पाली जिले के कुछ हिस्सों के लिए यह मुख्य जल आपूर्ति स्रोत है। अगर बांध में पर्याप्त पानी है, तो जालौर जिले और पाली जिले के कुछ गांवों को जवाई बांध से सिंचाई के लिए पानी मिलता है, जो इस बांध को बनाने में मुख्य उद्देश्य था।