राज्य सरकार ने प्रदेश में सड़क सुरक्षा नियमों की पालना में घोर लापरवाही बरतने वाले वाहन चालकों पर कड़ी कार्रवाई करने के उद्देश्य से जुर्माना राशि बढ़ाने का निर्णय लिया है। परिवहन मंत्री श्री प्रतापसिंह खाचरियावास के साथ इस विषय में चर्चा कर 1 सितम्बर, 2019 से लागू मोटर यान (संशोधन) अधिनियम-2019 के तहत जुर्माना राशि निर्धारण करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
राजस्थान में सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सड़क दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार गंभीर प्रकृति के अपराधों के लिए प्रशमन राशि भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित राशि के अनुरूप ही निर्धारित की है। साथ ही, आमजन के साथ-साथ अल्प आय और मध्य वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए वाहन चालन से जुड़े कम गंभीर प्रकृति के अपराधों में न्यूनतम जुर्माना राशि निर्धारित की है।
राज्य सरकार के लिए प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा सर्वोपरि है। इसलिए सड़क सुरक्षा नियमों की पालना सुनिश्चित करवाने और दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से वाहन चालन से जुड़े अपराधों के प्रति कड़ा रूख अपनाया जा रहा है। आमजन से अपील है कि वे वाहन चलाते समय सड़क सुरक्षा संबंधी सभी नियमों की आवश्यक रूप से पालना करें। यह उनके जीवन की रक्षा के लिए बेहद जरूरी है। अधिकारियोें को भी निर्देश दिए हैं कि वे सड़क सुरक्षा के नियमों के उल्लंघन और वाहन चालन में लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई करें। ताकि प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को न्यूनतम स्तर पर लाया जा सके।
परिवहन विभाग की ओर से मोटर यान अधिनियम-2019 में संशोधन के लिए स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार, सड़क पर माल परिवहन वाले वाहनों को चालक द्वारा रोकने अथवा तोल करने से इनकार करने और क्षमता से अधिक माल परिवहन (ओवरलोड) को सड़क सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही मानते हुए इन अपराधों के लिए क्रमशः 40 हजार रूपए और न्यूनतम 20 हजार रूपए प्रशमन राशि निर्धारित की गई है। कम गंभीर प्रकृति के वाहन चालन अपराधों के लिए जुर्माना राशि 100 रूपए से 1000 रूपए तक तथा लाल बत्ती जम्प करने, सड़क चिन्ह की अवहेलना करने, पार्किंग नियम तोड़ने, अनाधिकृत सायरन या लाइट लगाने, वाइपर नहीं होने, काली फिल्म लगाने जैसे सामान्य श्रेणी के अपराधों के लिए जुर्माना राशि न्यूनतम 100 रूपए ही रखी गई है।