बाली न्यूज़ कवरेज
हमारे देश में महिलाएं सुहाग के लिए बहुत से व्रत रखती हैं और कजली तीज का व्रत भी उन्हीं में से एक हैं, कजली तीज भादवा मास कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, कजली तीज को बूढ़ी तीज या सतुडी तीज भी कहा जाता है, दंतकथा में माता पार्वती ने इसी व्रत से भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था, इस दिन महिलाएं सोलह सिंगार कर व्रत रखती हैं, तीज माता की कथा सुनती है, रात्रि में चांद के दर्शन कर सत्तू के लड्डू खा कर अपना व्रत खोलती है।