कल दिनांक 22 सितंबर को संजय कुमार पुत्र देवाराम द्वारा उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया गया जिसमें एडवोकेट सुरेश मीणा की अगुवाई में ज्ञापन दिया गया इसके बारे में डॉ. विनोद रांगी संस्थापक वीआर कंसलटेंसी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि यह मेरी प्रतिष्ठा और लोकप्रियता के बढ़ते प्रभाव की वजह से मनगढ़ंत कहानी बनकर सभी को गुमराह कर रहे हैं क्योंकि सुरेश कुमार मीणा पूर्व में वीआर कंसल्टेंसी के साथ लीगल एडवाइजर के रूप में कार्य कर चुके है धरना देने वालों में कोई भी छात्र-छात्रा वीआर कंसल्टेंसी से संबंध नहीं रखते हैं। संजय के बारे में बता बताया कि वीआर कंसल्टेंसी के संस्थापक डॉ. विनोद रांगी से बात करने पर उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि संजय पुत्र देवाराम भगवत यूनिवर्सिटी अजमेर में नियमित एलएलबी कोर्स में अध्यनरत है जिसकी प्रथम वर्ष की परीक्षाएं हो चुकी है परिक्षा परिणाम भी आ चुका मुल अंकतालिका भी उसके पास है 2022 में संजय का भयंकर रोड एक्सीडेंट हुआ था जिसके कारण यह द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं नहीं दे पाया तथा यूनिवर्सिटी एक्सीडेंट के बाद यूनिवर्सिटी द्वारा कोई भी द्वितीय वर्ष की परीक्षा आयोजित नहीं की गई है संजय विगत 1 वर्ष से यूनिवर्सिटी में भी पढ़ने के लिए नहीं जा रहा है इसी के साथ संजय अब प्रथम वर्ष की पूरी फीस की मांग कर रहा है जो गलत है मांग पूरी नहीं करने पर संस्था के संस्थापक को कितनी बार डराया धमकाया अंत में जब किसी ने बात नहीं सुनी तो एडवोकेट सुरेश मीणा के साथ मिलकर ज्ञापन देने की योजना बनाई जिसके तहत ज्ञापन दिया गया जो बिल्कुल झूठ और निराधार है